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Nageshwar Jyotirling- 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक नागेश्वर ज्योतिर्लिंग का धार्मिक, पौराणिक और ऐतिहासिक महत्व

September 23, 2024/

Nageshwar Jyotirling :नागेश्वर ज्योतिर्लिंग भगवान शिव के 12 पवित्र ज्योतिर्लिंगों में से एक है, जो गुजरात राज्य के सौराष्ट्र क्षेत्र में स्थित है। यह मंदिर हिन्दू धर्म में अत्यधिक धार्मिक महत्व रखता है और शिव भक्तों के लिए विशेष स्थान है। नागेश्वर का शाब्दिक अर्थ है “नागों का स्वामी,” और यह शिवजी की…

शारदीय नवरात्र 2024 : माँ दुर्गा को प्रसन्न करने के लिए कीजिये शुभ मुहूर्त में घट स्थापना

September 23, 2024/

शारदीय नवरात्र 2024 : शारदीय नवरात्र हिंदू धर्म में एक विशेष और पवित्र पर्व है, जो देवी दुर्गा की उपासना का पर्व माना जाता है। नवरात्रि शब्द का अर्थ है ‘नौ रातें’, जिसमें माँ दुर्गा के नौ रूपों की आराधना की जाती है। यह पर्व आध्यात्मिक, धार्मिक, सांस्कृतिक और सामाजिक दृष्टिकोण से अत्यधिक…

सर्व पितृ अमावस्या 2024: महत्त्व, तिथि एवं मुहूर्त

September 22, 2024/

सर्व पितृ अमावस्या 2024 में 2 अक्टूबर को पड़ रही है। यह दिन हिंदू धर्म में अत्यधिक महत्व रखता है, क्योंकि इस दिन उन सभी पूर्वजों (पितरों) की आत्माओं को श्रद्धांजलि दी जाती है, जिनका श्राद्ध या तर्पण किसी कारणवश नहीं किया जा सका होता है। इस दिन को पितृ अमावस्या या महालय…

इंदिरा एकादशी 2024

September 22, 2024/

इंदिरा एकादशी हिंदू धर्म में अत्यधिक महत्वपूर्ण एकादशी व्रत है। यह पितृ पक्ष के दौरान आती है और पितरों की शांति और मोक्ष प्राप्ति के लिए इसका व्रत किया जाता है। इंदिरा एकादशी भगवान विष्णु की पूजा और पितरों के उद्धार के लिए विशेष मानी जाती है। इसे विशेष रूप से पितृ पक्ष…

Importance of Narayan Nagbali Puja

September 21, 2024/

Narayan Nagbali Puja is a unique and sacred Hindu ritual performed to mitigate life’s afflictions that arise from past sins, unresolved ancestral spirits, or inadvertent harm caused to serpents. This Vedic ritual has two distinct components: Narayan Bali and Nag Bali. Each of these rituals serves a specific purpose and holds profound spiritual…

नारायण नागबली पूजा की संपूर्ण जानकारी

September 21, 2024/

नारायण नागबली पूजा हिंदू धर्म में एक विशेष और पवित्र अनुष्ठान है, जिसे जीवन में आने वाली समस्याओं को दूर करने, पूर्वजों की आत्माओं को शांति प्रदान करने, और नागों को अनजाने में हुई हानि से उत्पन्न दोषों से मुक्ति पाने के लिए किया जाता है। यह वैदिक अनुष्ठान दो भागों में विभाजित…

तर्पण विधि और महत्त्व : संपूर्ण जानकारी

September 20, 2024/

तर्पण विधि: तर्पण हिंदू धर्म की एक प्राचीन और पवित्र धार्मिक परंपरा है, जिसमें जल अर्पण कर अपने पितरों, देवताओं और ऋषियों को संतुष्ट किया जाता है। “तर्पण” शब्द संस्कृत के “तृप” धातु से निकला है, जिसका अर्थ होता है ‘संतुष्टि करना’ या ‘प्रसन्न करना’। यह क्रिया मुख्य रूप से पूर्वजों (पितरों) की…

पितृपक्ष 2024: परंपरा, महत्व, और कर्मकांड की विस्तृत जानकारी

September 20, 2024/

पितृपक्ष, हिंदू धर्म में एक अत्यंत महत्वपूर्ण समय होता है, जिसमें लोग अपने पितरों (पूर्वजों) का स्मरण कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं। इसे श्राद्ध पक्ष भी कहा जाता है। पितृपक्ष का प्रमुख उद्देश्य पितरों की आत्मा की शांति के लिए पूजा-पाठ, तर्पण, और दान का आयोजन करना है। यह धार्मिक क्रिया यह…

धन और समृद्धि पाने के लिए करें श्री सूक्त का नियमित पाठ

September 14, 2024/

धन और समृद्धि प्राप्त करने के लिए श्री सूक्त का पाठ नियमित रूप से करना चाहिए, श्री सूक्त की रचना प्राचीन वैदिक काल में हुई है, और यह ऋग्वेद का एक महत्वपूर्ण भाग है। इसकी रचना किसी एक व्यक्ति या ऋषि द्वारा नहीं की गई थी, बल्कि यह वेदों के अन्य मंत्रों की…

रिश्तों के बारे में श्री कृष्ण ने क्या कहा ?

September 13, 2024/

रिश्तों को सुधारने के लिए, श्री कृष्ण के अनुसार क्या करना चाहिए, इस विषय को गहरे आध्यात्मिक और व्यावहारिक दृष्टिकोण से समझने की आवश्यकता है । श्री कृष्ण की शिक्षाएँ, विशेष रूप से भगवद गीता में, जीवन के हर पहलू के लिए मार्गदर्शन प्रदान करती हैं, जिनमें रिश्तों की जटिलताएँ भी शामिल हैं।…

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